प्रकृति एवं पर्यटन प्रेमियों का हमारी वेबसाइट पर फिर से स्वागत है। आज हम चर्चा करने वाले हैं, विश्व प्रसिद्ध एवं विश्व धरोहर सूची में शामिल एक ऐसे राष्ट्रीय उद्यान (Papikonda national park) की जो कि अपनी जैव विविधता एवं सुंदरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित पपीकोंडा नेशनल पार्क आंध्र प्रदेश के बारे में आइए जानते हैं इस राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी हुई सभी बातों के बारे में…
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पपीकोंडा नेशनल पार्क का विस्तार:
पपीकोंडा नेशनल पार्क आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी एवं पश्चिमी गोदावरी जिलों में पापी हिल्स के क्षेत्र में फैला हुआ है यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 1012.860 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है यह भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में सम्मिलित है इसका विस्तार आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के आसपास के क्षेत्र में माना जाता है।
यदि आप आंध्रप्रदेश आना चाहते हो और प्रकृति के सौंदर्य को निहारने और वन्य जीव प्रेमी हो तो इस वन्यजीव अभयारण्य का भ्रमण करना।
पपीकोंडा नेशनल पार्क मे प्रमुख प्रजातियां:
इस राष्ट्रीय उद्यान में जीव जंतुओं की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती हैं जिनमें मुख्य रुप से बंगाल टाइगर , भारतीय सीनेट, हिरण, चार सिंह वाले हिरण, ग्रे लंगूर, जंगली बिल्ली, सुस्ती भालू, नीलगाय आदि प्रमुख हैं इस वन्यजीव अभयारण्य को मुख्य रूप से बंगाल टाइगर का घर कहा जाता है इसके मध्य भाग से गोदावरी नदी निकलती है जिस कारण यहां पर अनेक जलीय जीव भी देखे जा सकते हैं।
पक्षी एवं तितलियों की प्रजातियां:
राष्ट्रीय उद्यान में अनेकों प्रकार की पक्षी तथा तितलियों की प्रजातियां भी देखी गई है जिनमें ब्लैक वैलिड टर्न, ओरिएंटल डाइट, पीले गले वाले बुलबुल, रिवर टर्न, पैलिड हिरियर , कबूतर विभिन्न प्रकार की चिड़ियां आदि अनेकों पक्षियों की प्रजाति इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती हैं
कुछ वर्ष पूर्व यहां पर करीब 129 प्रकार की तितलियों की प्रजातियों के बारे में पता चला है जो यहां पर निवास करती हैं
पपीकोंडा नेशनल पार्क कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
पपीकोंडा नेशनल पार्क की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की बात करें तो हमें ज्ञात होता है कि यह राष्ट्रीय उद्यान पपी हिल्स नामक क्षेत्र में फैला हुआ है जिसके कारण इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम पपीकोंडा नेशनल पार्क पड़ा तथा के व्यक्तियों के अनुसार कहा जाता है कि यह क्षेत्र रामायण के इतिहास से भी जुड़ा हुआ है माना जाता है कि राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र को किष्किंधा के नाम से जाना जाता था जहां पर वानरों की सेना निवास करती थी
पपिकोण्डा वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1978 में की गई तथा बाद में सन 2008 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया तब से इस वन्यजीव अभयारण्य का नाम PAPIKONDA NATIONAL PARK हो गया ।
पपीकोंडा नेशनल पार्क मे क्या है:
पपिकोण्डा नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं जैव विविधता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है इसकी खूबसूरती और प्राकृतिक सुंदरता को देखकर यूनेस्को द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है यहां आने वाले पर्यटक अशोक धाम की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं अभ्यारण में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीव जंतु तथा पशु पक्षी पर्यटकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं इसी बीच अभ्यारण के बीचो-बीच होकर गुजरने वाली गोदावरी नदी पर्यटकों को प्रकृति के वास्तविक सुंदरता से परिचय कराती है गोदावरी नदी के पानी की कल कल की आवाज और साथ ही पक्षियों की चहचहाट पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है
पपीकोंडा नेशनल पार्क कैसे पहुंचे:
निकटतम रेलवे स्टेशन:
राजामुंदरी , कोब्बूर दोनो रेलवे स्टेशन अभ्यारण्य के निकट ही है।
इन रेलवे स्टेशन के लिए देश के प्रत्येक हिस्से से आसानी से ट्रेन उपलब्ध हो जाती है ।
नितकतम हवाई अड्डा:
राजामुंदरी हवाई अड्डा जो कि राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
सड़क परिवहन:
राष्ट्रीय उद्यान तक जाने के लिए बस टैक्सी कार आदि उपलब्ध हो जाती है और अंदर एसयूवी गाड़ी मिल जाती है और साथ ही एक गाइड भी उपलब्ध होता है जो आपकी मदद करता है ।
पपीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान के पास ही अनेकों होटल तथा रेस्टोरेंट हैं जहां पर आपको रहने एवं खाने की सारी सुविधाएं उपलब्ध हो सकती है ।
पपीकोंडा नेशनल पार्क के लिये देश के प्रमुख शहरों से दूरी:
दिल्ली से – 1721 km
मुंबई से – 1107 km
कोलकाता से – 1126 km
जयपुर से – 1690 km
भोपाल से – 982 km
चंडीगढ़ से -1971 km
चेन्नई से – 726 km
पटना से – 1298
पुणे से – 961 km
आपको ये जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं, साथ ही बताए की आगे किस वन्यजीव अभ्यारण्य एवं पर्यटन स्थल की जानकारी आप चाहते है।
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