नमस्कार दोस्तो, आज हम (तमिलनाडु की राजधानी क्या है ओर तमिळनाडू राज्य कि जानकारी) इस लेख के माध्यम से तामिळनाडू राज्य कि राजधानी के बारे मे विस्तार से विवेचन करणे वाले है, साथ हि तमिलनाडु राज्य के बारे मे रोचक तथ्य आपके सामने प्रस्तुत करेंगे.
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तमिलनाडु की राजधानी क्या है:
तामिळनाडू राज्य कि राजधानी चेन्नई है. चेन्नई का पूर्व का नाम मद्रास शहर था, तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई, दक्षिणी भारत मे, बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित है। यह शहर “दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार” के रूप में जाना जाने वाला चेन्नई एक प्रमुख प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र भि है.
तमिलनाडु राज्य : Tamilnadu rajya :
तमिलनाडु भारत का एक राज्य है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण में स्थित है. यह पूर्व और दक्षिण में हिंद महासागर और पश्चिम में केरल, उत्तर पश्चिम में कर्नाटक और उत्तर में आंध्र प्रदेश से घिरा हुआ है. उत्तर-मध्य तट के साथ तमिलनाडु से घिरे पुडुचेरी और कराईकल के एन्क्लेव हैं, जो दोनों पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा हैं. राजधानी चेन्नई (मद्रास) है, जो राज्य के उत्तरपूर्वी भाग में तट पर बसा हुवा एक सुंदर शहर है.
तमिलनाडु उस तमिल भाषी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जो पहले ब्रिटिश शासन काल मे भारत का मद्रास प्रेसीडेंसी था. तमिल लोगो को अपनी द्रविड़ भाषा और संस्कृति पर विशेष रूप से गर्व है, जो होणा भी चाहिये. साथ हि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा हिंदी (एक इंडो-आर्यन भाषा) को एकमात्र राष्ट्रीय भाषा बनाने के प्रयासों का विशेष रूप से विरोध किया है. राज्य मे चेन्नई एक औद्योगिक कोर के रूप मे भी विकाशित हुआ है, राज्य का अन्य भाग मुख्य रूप से कृषि प्रधान है.
राज्य | तामिळनाडू |
राजधानी | चेन्नई |
क्षेत्रफल | १३०,०५८ km² |
भाषा | तेलुगू, मल्याळम्, कन्नड |
स्थापना | १७७३ |
तामिळनाडू राज्य का क्षेत्रफल और विस्तार:
तमिलनाडु का क्षेत्रफल १,३०,०६९ वर्ग किमी है. और भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है. यह पश्चिम में केरल राज्य, उत्तर में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्य, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में हिंद महासागर और दक्षिण-पूर्वी तट के बीच पालक जलडमरूमध्य और मनार की खाड़ी से घिरा है.
तामिळनाडू राज्य का मौसम:
भूमध्य रेखा के करीब होने के कारण जलवायु गर्म है. गर्मियों में मई का औसत तापमान २१°C होता है. वहीं अधिकतम तापमान ४३ डिग्री सेल्सियस है. तथा सर्दियों में जनवरी का औसत तापमान २४°C रहता है. वहीं न्यूनतम तापमान १८ डिग्री सेल्सियस है. वहाँ है दिसंबर वेल्लोर में न्यूनतम मासिक औसत तापमान १३.४°C है। और सलेम मे १६ °C रहेता है.
वार्षिक वर्षा भूमि पर ७० सेमी से १५० सेमी तक होती है, और तटीय क्षेत्र में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में वापसी वाले मानसून से वर्षा जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून से अधिक होती है. तमिलनाडु की पहाड़ियों में ६० सेंटीमीटर तक और पालघाट दर्रे के पास के क्षेत्र में १२० सेंटीमीटर तक बारिश होती है. रामनाथपुरम और तिरुनेलवेली जिलों में सबसे कम वर्षा होती है.
तमिलनाडु का इतिहास:
तमिलनाडु का क्षेत्र प्राचीन काल से लगातार बसा हुआ है और तमिलनाडु का इतिहास और तमिल लोगों की संस्कृति दुनिया में सबसे पुरानी है। अपने पूरे इतिहास में, इस क्षेत्र ने प्रारंभिक पाषाण युग से लेकर आधुनिक काल तक विभिन्न बाहरी संस्कृतियों के साथ सह-अस्तित्व में रहा है.
तमिलनाडु में पाषाण काल से लेकर नवपाषाण काल तक के अवशेष मिले हैं। ऋषि अगस्त्य को तमिल देश का पिता और तमिल व्याकरण का पहला लेखक माना जाता है. किंवदंती के अनुसार, चेर, चोल और पांड्य के राज्यों की स्थापना कोरकाई में रहने वाले तीन भाइयों ने की थी.
अशोक के शिलालेखों में मौर्य साम्राज्य के पड़ोसी राज्यों के रूप में पांड्यों, चोलों और चेरों का उल्लेख है. चोल राजा आदित्य प्रथम ने पल्लव राजा अपराजित को हराया और चोल शासन के तहत दक्षिण अर्काट को इस क्षेत्र मे लाया. आदित्य के पिता विजयालय तंजावुर में चोल वंश के संस्थापक थे.
भारत की स्वतंत्रता के लिए शुरू किए गए होम रूल आंदोलन से तमिलनाडु में राजनीतिक आंदोलन शुरू हुए. मद्रास के निवासियों ने सभी आंदोलनों में भाग लिया. ब्रिटिश भारत में मद्रास के गवर्नर ने एक परिषद की सहायता से मद्रास क्षेत्र पर शासन किया. इस अवधि के दौरान रयतवारी द्वारा एक बड़ा विद्रोह हुआ और ब्रिटिश सरकार ने रैयतों पर कर का बोझ कम कर दिया.
बीसवीं शताब्दी में तिलक और गांधी के आंदोलन को यहाँ कुछ साथ मिला, लेकिन तमिलनाडु राज्य ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल नहीं की. राजाजी, कामराज, सुब्रह्मण्यम आदि जैसे कुछ व्यक्तियों को छोड़कर, तमिलनाडु राज्य में उल्लेख के लायक कोई नाम नहीं था. हालाँकि, मद्रास क्षेत्र में आंध्र प्रदेश और विशेष रूप से रामानंदतीर्थ ने महत्पूर्ण कार्य किये.
तामिळनाडू कि कला और नृत्य:
भरतनाट्यम को एक प्रमुख नृत्य शैली माना जाता है. इस नृत्य का विशेष विकास एवं प्रसार तमिलनाडु में हुआ. भरतनाट्यम एक नृत्य शैली है जिसमें विशिष्ट मुद्राओं और गतिविधियों का एक सुंदर मिश्रण होता है. इस नृत्य का शास्त्रीय रूप गति, स्वर, ताल, ताल और राग पर आधारित है. इस नृत्य में गर्दन, हाथ, आंख, होंठ, भौहों के पैरों की सुन्दर क्रिया और गति का कलात्मक प्रदर्शन होता है.
तमिलनाडु राज्य के जिले:
तमिलनाडु राज्य में कुल 32 जिले हैं और उनके नाम इस प्रकार हैं: अरियालुर, चेन्नई, कोयम्बटूर, कुड्डालोर, धर्मपुरी, दिंडुकल, इरोड, कांचीपुरम, कन्याकुमारी जिला, करूर, कृष्णागिरी, मदुरै, नामक्कल, नीलगिरी, पेरम्बलुर, पुदुकट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिवगंगई, तंजावुर, थेनी, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनलवेली , तिरुपुर, तिरुवल्लुर, तिरुवनमलाई, तिरुवरुर, वेल्लोर, विल्लुपुरम ओर विरुधु नगर.
तमिलनाडु की प्रमुख नदियाँ:
तमिलनाडु की प्रमुख नदियाँ कावेरी नदी, पलार नदी और वैगई नदी हैं।
तामिळनाडू मे कृषि व्यवसाय:
तमिलनाडु में बड़ी संख्या में औद्योगिक गतिविधियों के अलावा कृषि मुख्य व्यवसाय है। कृषि से चावल, कपास, तंबाकू, गन्ना, मूंगफली और कॉफी महत्वपूर्ण फसलें हैं. अनाज यहा पर कम मात्रा में उगाए जाते हैं। वर्षा का जल नदियों में प्रवाहित होने के कारण विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे तालाबों में जमा हो जाता है। इसके लिए ऊंचे मिट्टी के तटबंध बनाए जाते हैं। ताड़ के बाग, चावल, ज्वार, कपास, मूंगफली, तिल और अन्य तिलहन, रागी, कुंबू आदि इन जल पर उगाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कपास उद्योग, चीनी उद्योग, सीमेंट उद्योग एवं यांत्रिक उद्योग, बॉक्स निर्माण उद्योग प्रमुख उद्योग हैं। इसके अलावा इस राज्य में हस्तशिल्प पर आधारित कई उद्योग संचालित किये जाते हैं।
तमिलनाडु के वनस्पती:
इससे पहले, तमिलनाडु राज्य का १५.५% भाग वनों से आच्छादित था। पर्वतीय क्षेत्रों में घने जंगल होते हैं। सागौन, शीशम, यूकेलिप्टस और चंदन के पेड़ अधिक पाए जाते हैं। कोयम्बटूर और नीलगिरी मे साग के घने जंगल हैं। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में बाँस के वन ओर रबड़ के पेड़ भी मिलते हैं। इसमे नारियल, सुपारी, पाम, आम, फनस, वड, पिंपल आदि पेड पाये जाते है।
तामिळनाडू मे पाये जाने वाले पशु पक्षी:
तमिलनाडु के नीलगिरी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र में जंगली हाथी, गाय, हिरण, चीता, भालू, सांभर, जंगली सूअर, बाघ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। कावेरी त्रिभुज क्षेत्र के दक्षिणी सिरे पर प्वाइंट कैलिमेर में एक जलपक्षी अभयारण्य भी है। वहां प्रवासियों का हुजूम उमड़ पड़ता है। गुइंडी में राजभवन में मृग, चीतल और अन्य छोटे जानवरों के लिए एक रिजर्व पार्क है।
पुलिकट झील पर प्रवासी हंस, बगुले, झोलाछाप, बत्तख, क्रेफिश आदि भी देखे जा सकते हैं। मद्रास के दक्षिण में वेदांतांगल में एक पक्षी विहार है। सफेद आइबेक्स क्वैक, स्पूनबिल, ओपन-बिल्ड हॉक, प्लोवर, ढोक, बगुला, जलपक्षी आदि पक्षी विशेष रूप से पाये जाते हैं।
तमिलनाडु के महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल:
कांचीपुरम :
कांचीपुरम को ‘एक हजार शहरों के शहर’ के रूप में जाना जाता है, यह न केवल अपनी विशिष्ट रेशम साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि पल्लव वंश की राजधानी भी थी। आज, केवल यहा १०० के आसपास ही मंदिर बचे हैं, जिनमें से कई में अद्वितीय स्थापत्य सौंदर्य है।
चेन्नई :
चेन्नई तमिलनाडु की राजधानी है, जिसे दक्षिण भारत के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है, गहरी परंपराओं और संस्कृति के साथ एक विशाल और व्यस्त, फिर भी रूढ़िवादी शहर है। शहर के मुख्य आकर्षण समुद्र तट, मंदिर, संग्रहालय और गैलरी, पुराने पुर्तगाली शैली के चर्च और मनोरंजन पार्क हैं।
कोवलम:
कोवलम बीच चेन्नई से ४० किमी दूर महाबलीपुरम के रास्ते में कोवलोंग के नाम से जाना जाने वाला एक छोटा सा गांव है.
महाबलीपुरम:
महाबलीपुरम समुद्र तट चेन्नई से ५८ किमी दूर दक्षिण मे है। इसके शानदार और खूबसूरत समुद्र तटों के अलावा, पल्लव वंश के स्मारक और प्राचीन गुफाएं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं.
कन्याकूमारी:
कन्याकुमारी के तट पर हिंद महागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का संगम होता है। यह हिंदुओं का एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। कन्याकुमारी सूर्योदय, सूर्यास्त और पूर्णिमा को देखने के लिए प्रसिद्ध है। रंग-बिरंगी रेत के साथ-साथ यहां समुद्र और आसमान का नजारा देखने लायक होता है।
पूम्पुहर द्वीप:
पूम्पुहर द्वीप तमिल महाकाव्य सिलपथिकारम में उपलब्ध जानकारी के आधार पर केवरिपूमपट्टिनम की याद में बनाया गया एक द्वीप है।
रामेश्वरम:
रामेश्वरम समुद्र तट चेन्नई से ५७२ किमी दूर है। यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। यहां भगवान शिव का एक बड़ा और प्राचीन मंदिर है जो १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस स्थान का नाम रामेश्वर है क्योंकि भगवान श्री राम ने इस शिव लिंग को स्थापित किया था।
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